CORRECT LYRICS
Lyrics : Chand Ka Tukda
दुनिया कहती तुमको चाँद का टुकड़ा
दुनिया कहती तुमको चाँद का टुकड़ा
नासमझ है वो उन्हें पता नहीं
नासमझ है वो उन्हें पता नहीं
के चाँद तुम्हारा है टुकड़ा
दुनिया कहती तुमको चाँद का टुकड़ा
ना समझ है वो उन्हें पता नहीं
ना समझ है वो उन्हें पता नहीं
के चाँद तुम्हारा है टुकड़ा
दुनिया कहती तुमको चाँद का टुकड़ा
घर से ना निकलो तुम कभी भी शाम को
भूल जाएँगे लोग देखना चाँद को
बिना शृंगार कितना चेहरे पे नूर है
महख़ानों में भी नहीं वो नैनो में सुरूर है
नैनो में सुरूर है
नहीं देखना ताज महल अब
देख लिया तेरा मुखड़ा
ना समझ है वो उन्हें पता नहीं
ना समझ है वो उन्हें पता नहीं
के चाँद तुम्हारा है टुकड़ा
दुनिया कहती तुमको चाँद का टुकड़ा
सूरज की लाली तेरी होंठों पे रहती है
नदियाँ दीवानी तेरे अश्कों से बहती है
संगमरमर सा बदन खुदा ने तराशा है
तुझे क्या पता तेरा समंदर भी प्यासा है
समंदर भी प्यासा है
शृंगार की नहीं ज़रूरत कितना सुंदर मुखड़ा
ना समझ है वो उन्हें पता नहीं
ना समझ है वो उन्हें पता नहीं
के चाँद तुम्हारा है टुकड़ा
दुनिया कहती तुमको चाँद का टुकड़ा
दुनिया कहती तुमको चाँद का टुकड़ा
नासमझ है वो उन्हें पता नहीं
नासमझ है वो उन्हें पता नहीं
के चाँद तुम्हारा है टुकड़ा
दुनिया कहती तुमको चाँद का टुकड़ा
ना समझ है वो उन्हें पता नहीं
ना समझ है वो उन्हें पता नहीं
के चाँद तुम्हारा है टुकड़ा
दुनिया कहती तुमको चाँद का टुकड़ा
घर से ना निकलो तुम कभी भी शाम को
भूल जाएँगे लोग देखना चाँद को
बिना शृंगार कितना चेहरे पे नूर है
महख़ानों में भी नहीं वो नैनो में सुरूर है
नैनो में सुरूर है
नहीं देखना ताज महल अब
देख लिया तेरा मुखड़ा
ना समझ है वो उन्हें पता नहीं
ना समझ है वो उन्हें पता नहीं
के चाँद तुम्हारा है टुकड़ा
दुनिया कहती तुमको चाँद का टुकड़ा
सूरज की लाली तेरी होंठों पे रहती है
नदियाँ दीवानी तेरे अश्कों से बहती है
संगमरमर सा बदन खुदा ने तराशा है
तुझे क्या पता तेरा समंदर भी प्यासा है
समंदर भी प्यासा है
शृंगार की नहीं ज़रूरत कितना सुंदर मुखड़ा
ना समझ है वो उन्हें पता नहीं
ना समझ है वो उन्हें पता नहीं
के चाँद तुम्हारा है टुकड़ा
दुनिया कहती तुमको चाँद का टुकड़ा