CORRECT LYRICS

Lyrics : अजीब दास्तां है ये (Ajib Dastan Hai Yeh)

अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ ख़तम
ये मंज़िले हैं कौनसी
न वो समझ सके न हम

अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ ख़तम
ये मंज़िले हैं कौनसी
न वो समझ सके न हम

आ आ आ आ आ आ आ

ये रोशनी के साथ क्यों
क्यों धुआं उठा चिराग से
ये रोशनी के साथ क्यों
क्यों धुआं उठा चिराग से
ये ख़्वाब देखती हूँ मैं
कि जग पड़ी हूँ ख़्वाब से

अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ ख़तम
ये मंज़िले हैं कौनसी
न वो समझ सके न हम
आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ

मुबारकें तुम्हें कि तुम
किसी के नूर हो गए
मुबारकें तुम्हें कि तुम
किसी के नूर हो गए
किसी के इतने पास
हो कि सबसे दूर हो गए

अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ ख़तम
ये मंज़िले हैं कौनसी
न वो समझ सके न हम

Instrumental
किसी का प्यार लेके तुम
नया जहां बसाओगे
किसी का प्यार लेके तुम
नया जहां बसाओगे
ये शाम जब भी आएगी
तुम हमको याद आओगे
अजीब दास्तां है ये
कहाँ शुरू कहाँ ख़तम
ये मंज़िले हैं कौनसी
न वो समझ सके न हम