CORRECT LYRICS

Lyrics : Zara Thehro

ज़रा ठहरो ज़रा बैठो
करनी है बातें
पास आओ और थोड़ा
सर्द है रातें

आसान होता तो मैं कब का
कह चूका होता
ऐसे तुम्हारे सामने
खामोश ना रहता

ज़रा ठहरो ज़रा बैठो
करनी है बातें
पास आओ और थोड़ा
सर्द है रातें

मेरी आँखों में सांसों में
पहले भी ये ख्वाब चलता रहा
तेरी नींदों में चुपके से जाने से
जाने क्यूँ डरता रहा
बारिश की बूंदों सा ये दिल
गिरता बरसता है
तुम पास होते हो मगर
फिर भी तरसता है