Amaal Mallik - Zara Thehro

por SpotLyrics ·

ज़रा ठहरो ज़रा बैठो
करनी है बातें
पास आओ और थोड़ा
सर्द है रातें

आसान होता तो मैं कब का
कह चूका होता
ऐसे तुम्हारे सामने
खामोश ना रहता

ज़रा ठहरो ज़रा बैठो
करनी है बातें
पास आओ और थोड़ा
सर्द है रातें

मेरी आँखों में सांसों में
पहले भी ये ख्वाब चलता रहा
तेरी नींदों में चुपके से जाने से
जाने क्यूँ डरता रहा
बारिश की बूंदों सा ये दिल
गिरता बरसता है
तुम पास होते हो मगर
फिर भी तरसता है