Asha Bhosle - Ye Raat Hai Mahtabi

by SpotLyrics ·

ये रात है महताबी समां है दीवाना
उठा ज़रा झुका ज़रा निगाहे मस्ताना
ये रात है महताबी समां है दीवाना
उठा ज़रा झुका ज़रा निगाहे मस्ताना

ललल ललल ललल ललल

देखो तो बहे यह नज़र नज़र खिलने का
चाँदनी ढलती है यह वक़्त है मिलने का
देखो तो बहे यह नज़र नज़र खिलने का
चाँदनी ढलती है यह वक़्त है मिलने का
नज़र मिले झलक पड़े नज़र का पैमाना
ये रात है महताबी समां है दीवाना
उठा ज़रा झुका ज़रा निगाहे मस्ताना

ओह होऊ होहू
आहहहाआआ

प्यार से ाओ भी उसी तरह लाहा रा के
दिल की है दिल में किधर चले घबरा के
प्यार से ाओ भी उसी तरह लाहा रा के
दिल की है दिल में किधर चले घबरा के
जुड़ा है क्यों खफा है क्यों समां से परवाना
ये रात है महताबी समां है दीवाना
उठा ज़रा झुका ज़रा निगाहे मस्ताना

होठों पे खिलती यह रुकी रुकी सी बाते
आती कहां से है यह मोहब्बतों की रातें

होठों पे खिलती यह रुकी रुकी सी बाते
आती कहां से है यह मोहब्बतों की रातें
ज़ुबा से जो न कह सको वो मुझसे समझा
ये रात है महताबी समां है दीवाना
उठा ज़रा झुका ज़रा निगाहे मस्ताना
ये रात है महताबी समां है दीवाना
उठा ज़रा झुका ज़रा निगाहे मस्ताना

ये रात है महताबी समां है दीवाना
उठा ज़रा झुका ज़रा निगाहे मस्ताना