ABIR - Badal Gaye

by SpotLyrics ·

एक रात सही गुज़ार कभी
मेरा नाम तो तू पुकार कभी
मेरे सीने में जो कुछ साँसें बची
तू चाहे तो ले उधार कभी

जौन कहाँ मैं जौन कहाँ मैं
तू ही बता अब तू ही बता
मेरा हुआ ना मेरा हा ना
जो मेरा था हा मेरा ही था

मेरा प्यार वही है बस लोग बदल गये
मरीज़-ए-इश्क़ वही है
बस रोग बदल गये हैं
मेरा प्यार वही है बस लोग बदल गये
मरीज़-ए-इश्क़ वही है
बस रोग बदल गये हैं

हुंपे जो गुज़री है
वो हम ही तो बस जानते
कोई खलिश सीने में बची
तू रब्ब से तुम्हे क्यू माँगते

पहलिम ख़ाता हू तुम मेरी
तुम्हे इस क़दर ना बदनाम करूँ
सबको मैं बता किससे ये हुमारे
दर्द मेरे ना सरेआम करूँ