Dino James - Dil Kahi Ka

par SpotLyrics ·

अपनी मनमर्जी चलाये ना सुने ये नासपिटा
ना मरहम दे ना रेहम दे
या तो फीका या हे तीखा
कोई तो बताए संग रेहने का सलीका
गुदगुदाए फिर रुलाये
जिद्दी साला दिल कहीं का

मजबूरीयाँ थी ये पगला ना जाने
मुझसे खफा है खामखा
ज़ख़्मों को भरने में वक़्त लगे है
इतना ना समझे ये मुआ हाँ

मैं कैसे मिटाऊँ जो तकदीर में था लिखा
बरगलाने तिलमिलाए है इरादा खुदखुशी का

मनमर्जी चलाये ना सुने ये नासपिटा
ना मरहम दे ना रेहम दे
या तो फीका या है तीखा

बिखरे वो किस्से भरके लिफाफे
भेजे पते पे क्यूँ पता नी लापता
बेचनियों के ओड़े लिहाफे
दम घुट रहा है ओर मैं दम हूँ खोजता

नया क्या मैं बताऊँ
तू तो जाने सारा किस्सा
या सलादे या सजा दे
या तो झूठा दे दिलासा