Alka Yagnik - Tu Muskura

par SpotLyrics ·

तू मुस्कुरा जहाँ भी है तू मुस्कुरा
तू धुप की तरह बदन को छु ज़रा
शारीर से ये मुस्कुराहटें तेरी
बदन में सुनती हूँ में आहटें तेरी
लबों से आके छु दे अपने लब ज़रा
तू मुस्कुरा जहाँ भी है तू मुस्कुरा
शारीर से ये मुस्कुराहटें तेरी
बदन में सुनती हूँ में आहटें तेरी

कैसा होता हैं ख्यालों में अक्सर
तुझको सोचूँ तो मेहेक जाती हूँ
मेरी रूह में बसी हैं तेरी खुशबू
तुझको छु लूं तो बाहेक जाती हूँ

तेरी आँखों में...
तेरी आँखों में कोई तो जादू हैं
तू मुस्कुरा जहाँ भी है तू मुस्कुरा

तू मुस्कुरा जहाँ भी है तू मुस्कुरा (तू मुस्कुरा)
तू धुप की तरह बदन को छु ज़रा (छु ज़रा)
शारीर से ये मुस्कुराहटें तेरी
बदन में सुनती हूँ में आहटें तेरी

तेज़ चलती हैं हवाओं की साँसें
मुझको बाहों में लपेट के छुपाले
तेरी आँखों की हसीं लोरियों मैं
मैं बदन को बीचा दूँ सुलाले

तेरी आँखों में...
तेरी आँखों में कोई तो नशा है
तू मुस्कुरा जहाँ पे है तू मुस्कुरा

तू मुस्कुरा जहाँ भी है तू मुस्कुरा
तू धुप की तरह बदन को छु ज़रा
शारीर से ये मुस्कुराहटें तेरी
बदन में सुनती हूँ में आहटें तेरी